सलीम अख्तर सिद्दीकी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का सवाल बन चुका है। 1992 में बाबरी मसजिद शहीद होने के बाद से ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में हाशिए पर है। 2014 के लोकसभा चुनाव में तो वह एक तरह से हाशिए से भी बाहर हो चुकी है। लेकिन कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की ऐसी आंधी चली थी कि उसमें सभी राजनीतिक दल उड़ गए थे। अब जब उत्तर प्रदेश में एक तरह से चुनाव की रणभेरी बच चुकी है, कांग्रेस अपना जनाधार फिर से हासिल करने के लिए बेचैन है। चुनावी रणनीतिकार माने जा रहे प्रशांत किशोर बिहार में नीतीश कुमार को जिताने के बाद कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में चुनावी सफलता दिलाने में जुटे हैं। लेकिन प्रशांत किशोर कैसे कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसे आगे करके चुनाव लड़ा जा सके। प्रशांत किशोर चाहते हैं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव राहुल गांधी अथवा प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़े। इसके कम ही चांस हैं कि कांग्रेस राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश चुनाव का चेहरा बनाए। इसमें खतरे ज्यादा हैं। अगर किसी वजह से राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की जनता ने रिजेक्ट कर दिया तो उनके प्रधानमंत्री बनने के अवसर बहुत कम हो जाएंगे। यही कहा जाएगा कि जो चेहरा एक राज्य में जीत नहीं दिला सका, उसे कैसे प्रधानमंत्री का दावेदार माना जा सकता है। इसलिए लगता है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस आगे कर सकती है। कांग्रस को ऐसा करना भी चाहिए। प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री की उम्मीदवार नहीं हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश में उतारा जाता है, तो वह दूसरे राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। उनकी बातों में गंभीरता है। सबसे बड़ी बात यह है कि उनमें लोग इंदिरा गांधी का अक्स देखते हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने जिस तरह से विपक्षी दलों के सवालों के तुर्की ब तुर्की जवाब दिए थे, उससे लोगों में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है। खासतौर से महिलाओं में उनके प्रति आकर्षण है। कांग्रेस के लोग भी प्रियंका को राजनीति में लाने की मांग करते रहे हैं। कई बार उनके समर्थन में पोस्टर भी लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक प्रियंका यही कहती रहीं हैं कि उन्हें राजनीति नहीं करनी है। वक्त का तकाजा तो यही है कि कांग्रेस प्रियंका को उत्तर प्रदेश चुनाव में आगे करके चुनाव लड़े। यदि उसने ऐसा किया तो कांग्रेस को सफलता मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का सवाल बन चुका है। 1992 में बाबरी मसजिद शहीद होने के बाद से ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में हाशिए पर है। 2014 के लोकसभा चुनाव में तो वह एक तरह से हाशिए से भी बाहर हो चुकी है। लेकिन कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की ऐसी आंधी चली थी कि उसमें सभी राजनीतिक दल उड़ गए थे। अब जब उत्तर प्रदेश में एक तरह से चुनाव की रणभेरी बच चुकी है, कांग्रेस अपना जनाधार फिर से हासिल करने के लिए बेचैन है। चुनावी रणनीतिकार माने जा रहे प्रशांत किशोर बिहार में नीतीश कुमार को जिताने के बाद कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में चुनावी सफलता दिलाने में जुटे हैं। लेकिन प्रशांत किशोर कैसे कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसे आगे करके चुनाव लड़ा जा सके। प्रशांत किशोर चाहते हैं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव राहुल गांधी अथवा प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़े। इसके कम ही चांस हैं कि कांग्रेस राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश चुनाव का चेहरा बनाए। इसमें खतरे ज्यादा हैं। अगर किसी वजह से राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की जनता ने रिजेक्ट कर दिया तो उनके प्रधानमंत्री बनने के अवसर बहुत कम हो जाएंगे। यही कहा जाएगा कि जो चेहरा एक राज्य में जीत नहीं दिला सका, उसे कैसे प्रधानमंत्री का दावेदार माना जा सकता है। इसलिए लगता है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस आगे कर सकती है। कांग्रस को ऐसा करना भी चाहिए। प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री की उम्मीदवार नहीं हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश में उतारा जाता है, तो वह दूसरे राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। उनकी बातों में गंभीरता है। सबसे बड़ी बात यह है कि उनमें लोग इंदिरा गांधी का अक्स देखते हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने जिस तरह से विपक्षी दलों के सवालों के तुर्की ब तुर्की जवाब दिए थे, उससे लोगों में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है। खासतौर से महिलाओं में उनके प्रति आकर्षण है। कांग्रेस के लोग भी प्रियंका को राजनीति में लाने की मांग करते रहे हैं। कई बार उनके समर्थन में पोस्टर भी लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक प्रियंका यही कहती रहीं हैं कि उन्हें राजनीति नहीं करनी है। वक्त का तकाजा तो यही है कि कांग्रेस प्रियंका को उत्तर प्रदेश चुनाव में आगे करके चुनाव लड़े। यदि उसने ऐसा किया तो कांग्रेस को सफलता मिल सकती है।
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