Monday, May 16, 2016

ट्रंप कैसी दुनिया बनाना चाहते हैं?

सलीम अख्तर सिद्दीकी
इसमें कोई शक नहीं कि दक्षिणपंथी ताकतें पूरी दुनिया में मजबूत होती जा रही हैं। भारत में भी दो साल पहले एक ऐसी सरकार वजूद में आई, जो कट्टर हिंदुत्व की बात करती है और उसके निशाने पर देश के अल्पसंख्यक रहते हैं। कोई कह सकता है कि सरकारी स्तर पर ऐसा कुछ नहीं किया जाता, जिससे लगे कि मोदी सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है। लेकिन भाजपा के मंत्री, सांसद, नेता और विधायक जिस तरह की भाषा अल्पसंख्यकों को, खासतौर से मुसलमानों के लिए इस्तेमाल करते हैं, उससे कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि उसकी सोच क्या है? पूरे यूरोप में भी मुसलिम विरोधी लहर चल रही है। खास तौर से खाड़ी के देशों में हिंसा के चलते यूरोपियन मुल्कों में पहुंचे शरणार्थियों को लेकर शंकाएं जताई जा रही हैं।
अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप खुलकर मुसलमानों पर हमलावर हो रहे हैं। दुनिया में कितनी भी मुसलिम विरोधी लहर चल रही हो, लेकिन जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने मुसलमानों के बारे में कहा है, उससे सिर्फ नफरत ही की जा सकती है। डोनाल्ड ट्रंप को यह नहीं भूलना चाहिए कि इराक, लीबिया या मिस्र में जो कुछ भी हो रहा है, वह अमेरिका और उसके पिट्ठु देशों की वजह से हो रहा है।
ट्रंप के मुसलमानों को अमेरिका में बिल्कुल न घुसने देने से क्या होगा? जो मुसलमान अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें भी बाहर निकाल देने से क्या होगा? वे कहीं और अपना ठौर-ठिकाना ढूंढ लेंगे। लेकिन अगर मुसलमानों ने पश्चिमी देशों के उत्पादों का बायकॉट शुरू कर दिया तो क्या होगा, कभी टंप ने ये भी सोचा है? अगर मुसलिम देशों ने अमेरिका के साथ व्यापार बंद कर दिया तो क्या होगा? अगर ट्रंप अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं और वास्तव में उन्होंने वही किया, जो आज कह रहे हैं, तो दुनिया बदल जाएगी। आखिर ट्रंप किस तरह कि दुनिया बनाना चाहते हैं? वह दुनिया, जिसमें सिर्फ नफरत और खून-खराबा हो? अमेरिका और पश्चिमी देशों की गलत नीतियों की वजह से दुनिया भर में हिंसा फैली है, जिसके शिकार सबसे ज्यादा मुसलिम हुए हैं। ट्रंप आग से खेल रहे हैं, जिसमें वह खुद और उनका देश अमेरिका भी झुलस सकता है।

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