सलीम अख्तर सिद्दीकी
संघ परिवार और उसके समर्थक मीडिया ने ऐसा माहौल बना दिया है कि यूपी में ‘गुंडाराज’ चल रहा है और बिहार में ‘जंगलराज’। पश्चिम बंगाल तो बमों का भंडार बताया जा रहा है। गैरभाजपा शासित राज्यों में हुई एक हत्या भी गुंडाराज और जंगलराज नजर आने लगता है। ऐसा लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में ‘राजराज’ चल रहा है। गुजरात में विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण भाई तोगड़िया के भतीजे समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई, लेकिन किसी ने नहीं कहा कि गुजरात में गुंडराज या जंगलराज चल रहा है। जितने भी बुरे विश्लेषण हो सकते हैं, सब गैरभाजपा शासित राज्यों के सुरक्षित कर लिए गए हैं। मध्य प्रदेश के अपराध कभी मीडिया की सुर्खियां नहीं बनते। हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान जो कुछ हुआ, वह तो मानवता के नाम पर कलंक था। गुड़गांव में एक पत्रकार पूजा तिवारी को हरियाणा पुलिस का एक अधिकारी खुदकुशी के लिए मजबूर कर देता है, लेकिन पत्रकार पर ही ब्लैकमेलर होने का दाग लगा दिया जाता है। गुजरात में पटेल आंदोलन के दौरान अरबों की संपत्ति नष्ट कर दी जाती है, लेकिन फिर भी गुजरा चमकता हुआ राज्य है। मध्य प्रदेश में व्यापमं नाम का भ्रष्टाचार दर्जनों जिंदगियां लील लेता है, लेकिन वहां के अपराधों की गिनती नहीं की जाती। बिहार में एक मंत्री के लड़के का एक नौजवान की हत्या यकीनन घृणित काम है, लेकिन पत्रकार पूजा तिवारी को मौत के मुंह तक ले जाना वाला हरियाण पुलिस का अधिकारी कैसे मासूम है? यह बहुत ही दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश या बिहार की किसी एक घटना पर सरकार समर्थित चैनल और अखबार हंगाम खड़ा कर देते हैं। चैनलों पर भाजपा के प्रवक्ता गुुंडाराज और जंगलराज चिल्लाने लगते हैं। हद तो यह है कि चैनन का एंकर भी बेशर्मी के साथ भाजपा प्रवक्ताओं के साथ खड़ा नजर आता है। यह सब लिखने का मतलब यह नहीं है कि बिहार या उत्तर प्रदेश में जो अपराध हो रहे हैं, उन्हें सही ठहराया जाए। मकसद सिर्फ इतना है कि अपराध को भी राजनीति का शिकार न बनाया जाए तो बेहतर होगा। अन्यथा हम जाने-अनजाने अपराधियों के हौसले बुलंद करते रहेंगे।
संघ परिवार और उसके समर्थक मीडिया ने ऐसा माहौल बना दिया है कि यूपी में ‘गुंडाराज’ चल रहा है और बिहार में ‘जंगलराज’। पश्चिम बंगाल तो बमों का भंडार बताया जा रहा है। गैरभाजपा शासित राज्यों में हुई एक हत्या भी गुंडाराज और जंगलराज नजर आने लगता है। ऐसा लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में ‘राजराज’ चल रहा है। गुजरात में विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण भाई तोगड़िया के भतीजे समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई, लेकिन किसी ने नहीं कहा कि गुजरात में गुंडराज या जंगलराज चल रहा है। जितने भी बुरे विश्लेषण हो सकते हैं, सब गैरभाजपा शासित राज्यों के सुरक्षित कर लिए गए हैं। मध्य प्रदेश के अपराध कभी मीडिया की सुर्खियां नहीं बनते। हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान जो कुछ हुआ, वह तो मानवता के नाम पर कलंक था। गुड़गांव में एक पत्रकार पूजा तिवारी को हरियाणा पुलिस का एक अधिकारी खुदकुशी के लिए मजबूर कर देता है, लेकिन पत्रकार पर ही ब्लैकमेलर होने का दाग लगा दिया जाता है। गुजरात में पटेल आंदोलन के दौरान अरबों की संपत्ति नष्ट कर दी जाती है, लेकिन फिर भी गुजरा चमकता हुआ राज्य है। मध्य प्रदेश में व्यापमं नाम का भ्रष्टाचार दर्जनों जिंदगियां लील लेता है, लेकिन वहां के अपराधों की गिनती नहीं की जाती। बिहार में एक मंत्री के लड़के का एक नौजवान की हत्या यकीनन घृणित काम है, लेकिन पत्रकार पूजा तिवारी को मौत के मुंह तक ले जाना वाला हरियाण पुलिस का अधिकारी कैसे मासूम है? यह बहुत ही दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश या बिहार की किसी एक घटना पर सरकार समर्थित चैनल और अखबार हंगाम खड़ा कर देते हैं। चैनलों पर भाजपा के प्रवक्ता गुुंडाराज और जंगलराज चिल्लाने लगते हैं। हद तो यह है कि चैनन का एंकर भी बेशर्मी के साथ भाजपा प्रवक्ताओं के साथ खड़ा नजर आता है। यह सब लिखने का मतलब यह नहीं है कि बिहार या उत्तर प्रदेश में जो अपराध हो रहे हैं, उन्हें सही ठहराया जाए। मकसद सिर्फ इतना है कि अपराध को भी राजनीति का शिकार न बनाया जाए तो बेहतर होगा। अन्यथा हम जाने-अनजाने अपराधियों के हौसले बुलंद करते रहेंगे।
लगभग एक ही समय के घटनाक्रम.....
ReplyDelete*बिहार में पत्रकार की हत्या
*झारखण्ड में पत्रकार की हत्या
*महाराष्ट्र में फौजी की हत्या
*राजस्थान में बिहारी छात्र की हत्या
*म.प्र. में लीना नाम की युवती की हत्या
*गुजरात में भरत तोगड़िया सहित तीन की हत्या
मगर #जंगलराज सिर्फ बिहार में है, क्योंकि बाकी राज्यों में तो #रामराज्य है...
#राष्ट्रवादियों की सरकार है।