सलीम अख्तर सिद्दीकी
उत्तर प्रदेश भाजपा ने एक पोस्टर जारी किया है। पोस्टर में भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष केशव मौर्य भगवान कृष्ण बने हैं। उत्तर प्रदेश को द्रौपदी के रूप में दिखाया है। पूरा विपक्ष कौरव बनकर द्रौपदी का चीर हरण करने में लगा है। भारतीय जनता पार्टी की सोच कितनी विकृत हो चुकी है, यह इस पोस्टर के जारी करने से पता चलता है। ऐसा लगता है कि भाजपा के पास चुनाव में उतरने के लिए कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर वह चुनाव लड़ सके। इसलिए वह एक तरह से छिछोरी हरकतों पर उतर आई लगती है। भाजपा किसी और तरीके से पोस्टर जारी कर सकती थी। इस पोस्टर को देखकर ऐसा लगता है कि केशव मौर्य को इसीलिए लाया गया है, जिससे वह प्रदेश में धार्मिक उन्माद भड़का सकें। लेकिन क्या इस तरह की हरकतों से भाजपा उत्तर प्रदेश में फतह पा सकेगी? यह अजीब बात है कि भाजपा ने अपने परंपरागत राम मंदिर मुद्दे को डस्टबिन के हवाले कर दिया है। केशव मौर्य कहते हैं कि राम मंदिर नहीं, विकास हमारा चुनावी मुद्दा होगा। जिस तरह का पोस्टर भाजपा ने जारी किया है, क्या उससे पता चलता कि वह विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है? यह अजब है कि भाजपा के नेता कहते रहे हैं कि हमें लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है, इसलिए राममंदिर नहीं बन सकता। अब तो जनता ने उन्हें बहुमत से ज्यादा सीटें दे दी हैं, अब क्यों वह राम मंदिर बनाने से कन्नी काट रहे हैं? वैसे अब यह बहाना है कि चूंकि हमारा राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए हम राम मंदिर बनाने नहीं बना सकते। आखिर भाजपा नेता क्यों राम मंदिर से कन्नी काट रहे हैं? इसकी वजह यह है कि वे जानते हैं कि धौंसपट्टी और जबरदस्ती वे ऐसा नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने राम मंदिर का राग छोड़कर अब भगवान कृष्ण और द्रौपदी को अपनी राजनीति का शिकार बना लिया है। वैसे यह बहुत ही हैरत की बात है कि भाजपा अध्यक्ष भगवान कृष्ण और द्रोपदी का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं और हिंदू समाज चुप है। क्या यह भगवान कृष्ण और द्रोपदी का अपमान नहीं है? वैसे जिन राजनीतिक दलों को भाजपा ने अपने पोस्टर में कौरव के रूप में दिखाया है, अगर वे एक जगह हो जाएं तो उन्हें उत्तर प्रदेश में एक सीटने के लिए भी लाले पड़ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश भाजपा ने एक पोस्टर जारी किया है। पोस्टर में भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष केशव मौर्य भगवान कृष्ण बने हैं। उत्तर प्रदेश को द्रौपदी के रूप में दिखाया है। पूरा विपक्ष कौरव बनकर द्रौपदी का चीर हरण करने में लगा है। भारतीय जनता पार्टी की सोच कितनी विकृत हो चुकी है, यह इस पोस्टर के जारी करने से पता चलता है। ऐसा लगता है कि भाजपा के पास चुनाव में उतरने के लिए कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर वह चुनाव लड़ सके। इसलिए वह एक तरह से छिछोरी हरकतों पर उतर आई लगती है। भाजपा किसी और तरीके से पोस्टर जारी कर सकती थी। इस पोस्टर को देखकर ऐसा लगता है कि केशव मौर्य को इसीलिए लाया गया है, जिससे वह प्रदेश में धार्मिक उन्माद भड़का सकें। लेकिन क्या इस तरह की हरकतों से भाजपा उत्तर प्रदेश में फतह पा सकेगी? यह अजीब बात है कि भाजपा ने अपने परंपरागत राम मंदिर मुद्दे को डस्टबिन के हवाले कर दिया है। केशव मौर्य कहते हैं कि राम मंदिर नहीं, विकास हमारा चुनावी मुद्दा होगा। जिस तरह का पोस्टर भाजपा ने जारी किया है, क्या उससे पता चलता कि वह विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है? यह अजब है कि भाजपा के नेता कहते रहे हैं कि हमें लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है, इसलिए राममंदिर नहीं बन सकता। अब तो जनता ने उन्हें बहुमत से ज्यादा सीटें दे दी हैं, अब क्यों वह राम मंदिर बनाने से कन्नी काट रहे हैं? वैसे अब यह बहाना है कि चूंकि हमारा राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए हम राम मंदिर बनाने नहीं बना सकते। आखिर भाजपा नेता क्यों राम मंदिर से कन्नी काट रहे हैं? इसकी वजह यह है कि वे जानते हैं कि धौंसपट्टी और जबरदस्ती वे ऐसा नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने राम मंदिर का राग छोड़कर अब भगवान कृष्ण और द्रौपदी को अपनी राजनीति का शिकार बना लिया है। वैसे यह बहुत ही हैरत की बात है कि भाजपा अध्यक्ष भगवान कृष्ण और द्रोपदी का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं और हिंदू समाज चुप है। क्या यह भगवान कृष्ण और द्रोपदी का अपमान नहीं है? वैसे जिन राजनीतिक दलों को भाजपा ने अपने पोस्टर में कौरव के रूप में दिखाया है, अगर वे एक जगह हो जाएं तो उन्हें उत्तर प्रदेश में एक सीटने के लिए भी लाले पड़ सकते हैं।
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