सलीम अख्तर सिद्दीकी
आपने ऐसे विज्ञापन देखें होंगे, जिनमें अविश्वसनीय दावे किया जाते हैं। एक हफ्ते में सांवला रंग गोरे में तब्दील किए जाने का दावा किया जाता है। खास परफ्यूम लगाने के बाद लड़कियां आप मर मिटती हैं। कई लोग लाइलाज बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं। कुछ ठग एक साल में पैसे दोगुना करने का दावा करता है। इन सबके पीछे किसी ठग का दिमाग काम कर रहा होता है। भारतीय जनता पार्टी, ओह सॉरी नरेंद्र मोदी का चुनाव प्रचार भी इन्हीं नीतियों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। अच्छे दिन आने वाले हैं, महंगाई होगी कम, बढ़ेगी आय। अब दुनिया का कोई अर्थशास्त्री यह बताए कि महंगाई कम कैसे होगी और आमदनी कैसे बढ़ेगी? मसलन, आटा 25 रुपये के बजाय 10 रुपये किलो बिकवाना हो तो सबसे पहले गेंहू उत्पादन पर होने वाला खर्च कम करना होगा। वह सब कैसे होगा? क्या बीज के दाम आधे कर दिए जाएंगे? बिजली मुफ्त कर दी जाएगी? कीटनाशक सस्ते किए जाएंगे? यूरिया के दाम आधे कर दिए जाएंगे? कंपनियों क्यों अपनी आय कम करके अपने उत्पाद सस्ते करेंगी? वे क्यों महंगाई कम करने के लिए अपनी आय कम करेंगी? मान लेते हैं कि सरकार अपना टैक्स आधा कर देगी। ऐसा करेगी तो सरकार कैसे चलेगी? अडाणाी और अंबानी तो पैसा देने से रहे? वे एक पैसा देंगे, तो उसके एवज में 100 रुपये का फायदा उठाएंगे। हां, यह जरूर है कि आम जनता के लिए महंगाई कम हो न हो, आय बढ़े या न बढ़े, लेकिन अडाणियों और अंबानियों के लिए महंगाई भी कम हो जाएगी और उनकी आय भी बढ़ जाएगी। सरकार उन्हें औने-पौने दाम पर जमीनें उपलब्ध कराएगी। टैक्स में छूट देगी, उनकी कंपनियां अपने प्रॉडक्ट महंगे बेचेंगी। इसलिए, हे जनता जनार्दन, सोचो, अपनी अक्ल लड़ाओ, विज्ञापन पर मत जाओ। विज्ञपान पर गए तो, न रंग गोरा हुआ है, न लड़कियां आपके पीछे भाग रही हैं, न किसी कंपनी ने एक साल में पैसा दोगुना करके दिया है। इसलिए न महंगाई कम होगी, आय बढ़ेगी, इसलिए अच्छे दिन कम से कम मोदी राज में तो नहीं आने वाले। बाकी आपकी मर्जी, कोई कुएं में गिरना चाहे, तो उसे कौन रोक सकता है।
आपने ऐसे विज्ञापन देखें होंगे, जिनमें अविश्वसनीय दावे किया जाते हैं। एक हफ्ते में सांवला रंग गोरे में तब्दील किए जाने का दावा किया जाता है। खास परफ्यूम लगाने के बाद लड़कियां आप मर मिटती हैं। कई लोग लाइलाज बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं। कुछ ठग एक साल में पैसे दोगुना करने का दावा करता है। इन सबके पीछे किसी ठग का दिमाग काम कर रहा होता है। भारतीय जनता पार्टी, ओह सॉरी नरेंद्र मोदी का चुनाव प्रचार भी इन्हीं नीतियों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। अच्छे दिन आने वाले हैं, महंगाई होगी कम, बढ़ेगी आय। अब दुनिया का कोई अर्थशास्त्री यह बताए कि महंगाई कम कैसे होगी और आमदनी कैसे बढ़ेगी? मसलन, आटा 25 रुपये के बजाय 10 रुपये किलो बिकवाना हो तो सबसे पहले गेंहू उत्पादन पर होने वाला खर्च कम करना होगा। वह सब कैसे होगा? क्या बीज के दाम आधे कर दिए जाएंगे? बिजली मुफ्त कर दी जाएगी? कीटनाशक सस्ते किए जाएंगे? यूरिया के दाम आधे कर दिए जाएंगे? कंपनियों क्यों अपनी आय कम करके अपने उत्पाद सस्ते करेंगी? वे क्यों महंगाई कम करने के लिए अपनी आय कम करेंगी? मान लेते हैं कि सरकार अपना टैक्स आधा कर देगी। ऐसा करेगी तो सरकार कैसे चलेगी? अडाणाी और अंबानी तो पैसा देने से रहे? वे एक पैसा देंगे, तो उसके एवज में 100 रुपये का फायदा उठाएंगे। हां, यह जरूर है कि आम जनता के लिए महंगाई कम हो न हो, आय बढ़े या न बढ़े, लेकिन अडाणियों और अंबानियों के लिए महंगाई भी कम हो जाएगी और उनकी आय भी बढ़ जाएगी। सरकार उन्हें औने-पौने दाम पर जमीनें उपलब्ध कराएगी। टैक्स में छूट देगी, उनकी कंपनियां अपने प्रॉडक्ट महंगे बेचेंगी। इसलिए, हे जनता जनार्दन, सोचो, अपनी अक्ल लड़ाओ, विज्ञापन पर मत जाओ। विज्ञपान पर गए तो, न रंग गोरा हुआ है, न लड़कियां आपके पीछे भाग रही हैं, न किसी कंपनी ने एक साल में पैसा दोगुना करके दिया है। इसलिए न महंगाई कम होगी, आय बढ़ेगी, इसलिए अच्छे दिन कम से कम मोदी राज में तो नहीं आने वाले। बाकी आपकी मर्जी, कोई कुएं में गिरना चाहे, तो उसे कौन रोक सकता है।
MR. MODI HIMSELF A LIE .HIS EVERY CAMPAIGN IS A LIE .WELL WRITTEN .
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