Wednesday, December 2, 2015

गंदगी विचारधारा में है

सलीम अख्तर सिद्दीकी
संसद में इनटॉलरेंस पर जो बहस हुई और संसद से बाहर इस पर जो बहस हो रही थी, उसमें जरा भी अंतर नहीं है। आखिर इस बहस का नतीजा क्या निकला? कुछ नहीं। महामहिम की बात पर गौर कीजिए, जब तक दिमाग से गंदगी नहीं निकालेंगे, तब तक हम डर और अविश्वास के माहौल में जीते रहेंगे। जो महामहिम ने कहा, वही तो आमिर खान ने भी कहा था। चूंकि आमिर खान ‘सॉफ्ट टारगेट’ हैं, महामहिम नहीं हैं, इसलिए चुप्पी लगा ली गई। यही बात अगर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कही होती, तो शायद हंगामा बरपा हो चुका होता। उन्हें भी पाकिस्तान भेजने की बात की जाती। यही वह गंदगी है, जिसे महामहिम दिमाग से निकालने की बात कर रहे हैं। यानी एक वर्ग देश पर अपना एकाधिकार मानने से परहेज करे। बदकिस्मती से देश पर उन तत्त्वों का राज आ गया है, तो अपने अलावा सबको देशविरोधी और पाकिस्तानी मानते हैं। इसलिए भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कहने लगे हैं कि किसी की देशभक्ति की पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन उनकी ‘विचारधारा’ ऐसा नहीं मानती। वह अपने विरोध को देश विरोध मान लेती है। ऐसे ही जैसे मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते अपनी हर आलोचना को हिंदुओं की आलोचना से जोड़ दिया था। इसलिए मोदी कहा यह आश्वस्त नहीं कर पाता कि देश में इनटॉलरेंस इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी।
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