दिल्ली में होने वाले चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होंगे। महाराष्ट्र और
हरियाणा के चुनाव से पहले कालेधन पर मोदी सरकार का झूठ सामने नहीं आया था।
प्राकृतिक गैस 33 प्रतिशत महंगी नहीं हुई थी। केजरीवाल के पास कालेधन पर
मोदी सरकार के यू टर्न और प्राकृतिक गैस की बढ़ी कीमतों का मुद्दा होगा।
दिल्ली में मध्यम वर्ग भले ही मोदी के साथ खड़ा हो, लेकिन निम्नमध्यम और
निम्न वर्ग आज भी केजरीवाल का मुरीद है। वैसे भी जब जनवरी-फरवरी में चुनाव
होंगे, तो तब तक मोदी सरकार की खुमारी कुछ और उतर जाएगी। अब जनता को लगने
लगा है कि किसी अच्छे दिन नहीं आने वाले हैं। बकौल रवीश कुमार कालाधन अब
लतीफे में बदल गया है।
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