वे चार थे। शहर के एक बार में बैठे हुए थे। बदन पर ब्रांडेड कपड़े, हाथों में महंगे मोबाइल और मुंह में लगी महंगी सिगरेट। उनकी बातों से लग रहा था कि वे किसी मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे पदों पर थे। देखने में सभी सभ्य लग रहे थे। सभ्यता से बातें कर रहे थे। चारों के फोन बारी-बारी से बज रहे थे और बहुत ही सभ्य भाषा में कॉल करने वालों का संतुष्टकरने का प्रयास कर रहे थे। तभी उनके पास एक वेटर आया और आॅर्डर लेकर चला गया। चंद लम्हों में उनके सामने पैग रखे हुए थे। सबने एक साथ सभ्य तरीके से चियर्सबोला और एक-एक सिप लेकर गिलास मेज पर रख दिए। मैंने अपना ध्यान उन लोगों से हटाकर टीवी स्क्रीन पर लगा दिया, जिस पर भारत और इंग्लैंड के बीच हो रहे क्रिकेटमैच का प्रसारण आ रहा था। मुझे जिस आदमी का इंतजार था, उसने आधा घंटा बाद आने के लिए कहा था, तब तक मुझे किसी तरह से टाइम काटना था। मैं धीरे-धीरे कोल्ड ड्रिंक की चुसकियां ले रहा था। मेरा ध्यान एक बार फिर उन चारों की ओर चला गया। वे दो-दो पैग पी चुके थे। अब उनकी बातचीत के लहजे में फर्कआ गया था। उनकी भाषा असभ्य-सी हो चली थी। उनमें से किसी एक का फोन बजा। उसने स्क्रीन पर नजर डाली और और भद्दी से गाली देकर बोला, यह कमीना बॉस भी चैन नहीं लेने देता। इतना कहकर उसके फोन रिसीव किया और किसी तरह लहजे को संयत करके बात करके फोन बंद कर दिया। वेटर उनको तीसरा पैग सर्व कर चुका था। तीसरा पैग पीने के दौरान उनकी चचार्का विषय राजनीति हो गया था। उनकी आवाज बहकने लगी थी और मुंह से नेताओं के लिए धाराप्रवाह गालियां निकलने लगीं थीं। सब .. चोर हैं। देश बेच खाया है, इन्होंने। हैरान कर देने की हद तक वे अब पूरी तरह असभ्य हो चले थे। अब जब भी किसी के फोन की रिंग बजती, वह उसे काटदेता और फिर बातों में मशगूल हो जाता। थोड़ी देर बाद एक-एक करके चारों ने फोन बंद करके अपनी जेब के हवाल कर दिए। अचानक उनकी बातों का रुख अपने आॅफिस की सहकर्मियों की ओर हो गया। देखते ही देखते उनका पौरुष जाग गया और वे एक तरह से हिंसक हो उठे। एक बोला, अरे उसके बारे में मुझे सब पता है। ..बनती हैसती सावित्री। सब जानते हैं, उसका किसके साथ चक्कर है? इतना कहकर वह शैतान की तरह हंसा। बाकी तीनों ने भी उसका साथ दिया। दूसरे ने किसी और सहकमीर्के बारे में अश्लील कमेंट किया और फिर चारों एक साथ शैतान की तरह हंसे। उनके गिलास खाली हो चुके थे। एक ने इधर-उधर नजर दौड़ाकर वेटर को ढूंढा और उसे पैग रिपीट करने के लिए कहा। उनका चेहरा विकृत हो चला था। अब उनका ध्यान टीवी पर आ रहे क्रिकेट मैच पर हो गया था। मैच का अंतिम ओवर चल रहा था। भारत जीत की दहलीज पर था। आखिरी गेंद फेंकी गई और भारत जीत गया। इसी के साथ चारों के अंदर अचानक देशभक्ति का जज्बा पैदा हो गया। चारों इस जीत को भारत की महान उपलब्धि बताने लगे। जीत को सेलीबेट्र करने के लिए पैग रिपीट करने का आॅर्डर दिया गया। नशे की अधिकता से दिमाग ने शरीर का साथ छोड़ दिया था।अचानक उनमें से एक को जोरदार उल्टी हुई। मेज पर गंदगी पसर गई। हॉल में बैठे हुए लोग उन्हें घृणा से देखने लगे। कईने अपने मुंह पर रूमाल रख लिया। वेटर उन्हें भद्दी गालियां देने लगा। वे चुपचाप सुनने के लिए मजबूर थे। वे उस समय पूरी तरह से असभ्य हो चुके थे।
Sunday, January 5, 2014
सभ्यता के दायरे से बाहर होते हुए
वे चार थे। शहर के एक बार में बैठे हुए थे। बदन पर ब्रांडेड कपड़े, हाथों में महंगे मोबाइल और मुंह में लगी महंगी सिगरेट। उनकी बातों से लग रहा था कि वे किसी मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे पदों पर थे। देखने में सभी सभ्य लग रहे थे। सभ्यता से बातें कर रहे थे। चारों के फोन बारी-बारी से बज रहे थे और बहुत ही सभ्य भाषा में कॉल करने वालों का संतुष्टकरने का प्रयास कर रहे थे। तभी उनके पास एक वेटर आया और आॅर्डर लेकर चला गया। चंद लम्हों में उनके सामने पैग रखे हुए थे। सबने एक साथ सभ्य तरीके से चियर्सबोला और एक-एक सिप लेकर गिलास मेज पर रख दिए। मैंने अपना ध्यान उन लोगों से हटाकर टीवी स्क्रीन पर लगा दिया, जिस पर भारत और इंग्लैंड के बीच हो रहे क्रिकेटमैच का प्रसारण आ रहा था। मुझे जिस आदमी का इंतजार था, उसने आधा घंटा बाद आने के लिए कहा था, तब तक मुझे किसी तरह से टाइम काटना था। मैं धीरे-धीरे कोल्ड ड्रिंक की चुसकियां ले रहा था। मेरा ध्यान एक बार फिर उन चारों की ओर चला गया। वे दो-दो पैग पी चुके थे। अब उनकी बातचीत के लहजे में फर्कआ गया था। उनकी भाषा असभ्य-सी हो चली थी। उनमें से किसी एक का फोन बजा। उसने स्क्रीन पर नजर डाली और और भद्दी से गाली देकर बोला, यह कमीना बॉस भी चैन नहीं लेने देता। इतना कहकर उसके फोन रिसीव किया और किसी तरह लहजे को संयत करके बात करके फोन बंद कर दिया। वेटर उनको तीसरा पैग सर्व कर चुका था। तीसरा पैग पीने के दौरान उनकी चचार्का विषय राजनीति हो गया था। उनकी आवाज बहकने लगी थी और मुंह से नेताओं के लिए धाराप्रवाह गालियां निकलने लगीं थीं। सब .. चोर हैं। देश बेच खाया है, इन्होंने। हैरान कर देने की हद तक वे अब पूरी तरह असभ्य हो चले थे। अब जब भी किसी के फोन की रिंग बजती, वह उसे काटदेता और फिर बातों में मशगूल हो जाता। थोड़ी देर बाद एक-एक करके चारों ने फोन बंद करके अपनी जेब के हवाल कर दिए। अचानक उनकी बातों का रुख अपने आॅफिस की सहकर्मियों की ओर हो गया। देखते ही देखते उनका पौरुष जाग गया और वे एक तरह से हिंसक हो उठे। एक बोला, अरे उसके बारे में मुझे सब पता है। ..बनती हैसती सावित्री। सब जानते हैं, उसका किसके साथ चक्कर है? इतना कहकर वह शैतान की तरह हंसा। बाकी तीनों ने भी उसका साथ दिया। दूसरे ने किसी और सहकमीर्के बारे में अश्लील कमेंट किया और फिर चारों एक साथ शैतान की तरह हंसे। उनके गिलास खाली हो चुके थे। एक ने इधर-उधर नजर दौड़ाकर वेटर को ढूंढा और उसे पैग रिपीट करने के लिए कहा। उनका चेहरा विकृत हो चला था। अब उनका ध्यान टीवी पर आ रहे क्रिकेट मैच पर हो गया था। मैच का अंतिम ओवर चल रहा था। भारत जीत की दहलीज पर था। आखिरी गेंद फेंकी गई और भारत जीत गया। इसी के साथ चारों के अंदर अचानक देशभक्ति का जज्बा पैदा हो गया। चारों इस जीत को भारत की महान उपलब्धि बताने लगे। जीत को सेलीबेट्र करने के लिए पैग रिपीट करने का आॅर्डर दिया गया। नशे की अधिकता से दिमाग ने शरीर का साथ छोड़ दिया था।अचानक उनमें से एक को जोरदार उल्टी हुई। मेज पर गंदगी पसर गई। हॉल में बैठे हुए लोग उन्हें घृणा से देखने लगे। कईने अपने मुंह पर रूमाल रख लिया। वेटर उन्हें भद्दी गालियां देने लगा। वे चुपचाप सुनने के लिए मजबूर थे। वे उस समय पूरी तरह से असभ्य हो चुके थे।
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alcoholic drinks are long known to human civilisation. most of religions and most strongly islam has preached against it. most families in India will condemn it and those who drink will hide this fact from other members- esp guardians.
ReplyDeleteI western society this is part of their culture and is to condemned so strongly. and this is also true that we don't see such extreme cases as described by you routinely. in Christianity wine is considered as jesus blood and is taken with reverence.
western secular society has started to speak up against it mainly due to long term detrimental effects on health.
could some one use it responsibly and reap only the benefit and leave the bad effects? i am not sure of the answer.
SHRAB AADMI KEE PASHU PRAVARTI KO HI UBHARTI HAI KINTU UBHARTI VAHIN HAI JAHAN HOTI HAI .नव वर्ष २०१४ की हार्दिक शुभकामनाएं
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