सलीम अख्तर सिद्दीक़ी
यह तो तय हो चुका है कि देहरादून में बागपत के रणवीर की हत्या की गयी है। एनकाउंटर का तो बस नाम दिया गया है। लेकिन इन सवालों का जवाब अभी तक नहीं मिल सका है कि पुलिस ने आखिर ऐसा क्यों किया ? पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कहती है कि रणवीर के सीने पर एक नहीं दो नहीं पूरी दस गोलियां उतारीं गयीं थीं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि गोलियां मारने से पहले रणवीर को बुरी तरह से पीटा भी गया था। देहरादून पुलिस अब भी यदि एक बदमाश को एनकाउंटर में मारने का तमगा हासिल करना चाहती है तो इसे देहरादून पुलिस की बेशर्मी के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता है। रणवीर हत्याकांड में कई इत्तेफाक ऐसे हैं, जिन्हें नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है। पहला इत्तफाक तो यह कि रणवीर का ताल्लुक मेरठ से भी रहा है। यहां से उसने एक इंस्टीट्यूट से एमबीए किया था। दूसर इत्तेफाक यह कि देहरादून के जिस मोहनी चौक पर कथित रुप से पुलिस और रणवीर के साथियों का झगड़ा हुआ और यह कहा गया कि रणवीर ने एसआई के हाथ से उसकी सर्विस रिवाल्वर छीनकर उसकी कनपटी पर लगा दी थी,, उसी मोहनी चौक पर रहने वाले और पूरा नजारा देखने वाले सिविल इंजीनियर परवेज खान का ताल्लुक भी मेरठ से ही है। परवेज खान साहब ने ही पुलिस और लड़कों का बीच-बचाव करने की कोशिश की थी। एक लड़के ने जब परवेज साहब पर रिवाल्वर तान दिया तो वह अपने घर लौट गए और वहां से अपनी सर्विस रिवाल्वर लेकर आए। हवाई फायरिंग की,, जिससे बदमााश भाग गए। बाद में रणवीर पुलिस के कैसे हत्थे चढ़ा ? कैसे उसका एनकाउंटर किया गया यह पुलिस की अपनी कहानी है। लेकिन पुलिस की कहानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद धाराशायी हो गयी है।
रणवीर की हत्या का सच जानने के लिए यह जरुरी है कि रणवीर के मेरठ प्रवास के समय की गतिविधियों को खंगाला जाए। उसका किन लोगों के साथ मिलना-जुलना था ? क्या उसकी कोई ऐसी थी दोस्त थी,, जो बाद में देहरादून शिफ्ट हो गयी थी ? क्योंकि इस सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मेरठ में पढ़ाई के दौरान रणवीर के किसी लड़की से अफेयर रहा हो और बाद में वह लड़की देहरादून शिफ्ट हो गयी, हो, जिससे रणवीर अक्सर देहरादून मिलने जाता हो ? हो सकता है कि लड़की के घर वालों को इस बात की भनक लग गयी हो। लड़की के घरवालों को यह पता हो कि रणवीर 3 जौलाई को फिर आएगा। सम्भव है कि उन्होंने एसआई भट्ट से रणवीर को सबब सिखाने की गुहार लगायी हो ? यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि जब एसआई भट्ट ने रणवीर और उसके कथित साथियों को मोटर साइकिल से जाते हुए मौहनी चौक पर चैकिंग के नाम रोका था तो उस समय एसआई भट्ट अकेले ही थे, जबकि रुटीन चैकिंग के दौरान भी एक एसआई के साथ दो या तीन पुलिस वाले जरुर होते हैं, जो हाथ या डंडे के इशारे से मोटर साइकिल रोकने के काम को अंजाम देते हैं। एसआई के साथ रणवीर की झड़प हुई होगी। एसआई ने थाने से जीप मंगवाई होगी। रणवीर को जबरदस्ती जीप में डालकर थाने ले जाया गया होगा। बहुत मुमकिन है कि थाने में थर्ड डिग्री देते समय रणवीर की मौत हो गयी होगी। इससे घबराकर पुलिस उसे रायुपर के जंगल में ले गयी और एनकाउंटर का ड्रामा रचा गया।
बिल्कुल हो सकता है ऐसा हुआ हो। पुलिस का भरोसा नही किया जा सकता है। मामला बहुत पेचिदा है। लेकिन आपकी तफतीश कमाल की है।
ReplyDeleteएक बहादुर पोस्ट।
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