Sunday, March 2, 2014

रैली की दिहाड़ी


सलीम अख्तर सिद्दीकी
मेरे शहर में एक राजनीतिक दल की रैली थी। पूरा शहर रैली के होडिंर्गों से पटा हुआ था। रैली में जो गाड़ियां आ रही थीं, उनकी वजह से जगह-जगह भयंकर जाम लगा हुआ था। घंटों जाम में फंसे लोग रैली आयोजकों को कोस रहे थे। किसी को डॉक्टर के पास जाना था, तो किसी का एग्जाम छूटा जा रहा था। लेकिन इस सबसे बेखबर राजनीतिक दल के सर्मथक गाड़ियों में लदकर गगनभेदी नारे लगाते हुए रैली स्थल की ओर जा रहे थे। यूं मैं कभी किसी रैली का हिस्सा नहीं बना था, लेकिन वहां जाना मेरे काम का हिस्सा था, इसलिए मैं भी उस रैली का हिस्सा बना हुआ था। बारी-बारी से नेता भाषण दे रहे थे, लेकिन किसी की दिलचस्पी उस भाषण में नहीं थी। वे तो अपने उस प्रिय नेता का भाषण सुनने आए थे, जिसके चर्चे चरम छू रहे थे। इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं।आसमान में मुख्य वक्ता नेता के हेलीकॉप्टर की आवाज गूंजी। धूल उड़ाते हेलीकॉप्टर ने जमीन को छुआ तो लगा जैसे जनता की मुराद पूरी हो गई। उनकी जय-जयकार से पूरा रैली स्थल गूंज उठा। भीड़ देखकर नेताजी का सीना कुछ और ज्यादा ‘चौड़ा’ हो गया। जनता की ओर से बराबर मांग की जाने लगी कि अब बस नेताजी का भाषण हो जाना चाहिए। नेताजी मंच पर आए। भाषण के दौरान उन्होंने एक तथ्य रखा, तो मेरे बराबर में खड़ा यह युवा अपने साथी के कान में फुसफुसाया, यह क्या कह रहे हैं, यह तो हमने कहीं नहीं पढ़ा। उसके साथी ने कहा, नेताजी ही सही कह रहे होंगे, तू क्या उनसे बड़ा हो गया? उस युवा ने कुछसोचते हुए सिर खुजाया और फिर भाषण पर ध्यान केंद्रित कर दिया।
भाषण खत्म हुआ। जनता का सैलाब एक साथ वापसी के लिए मुड़ा। मैंने भी वापसी पकड़ी और वहां से गुजरा, जहां लोगों को रैली में लाने वाली बसें खड़ी थीं। वहां कुछ लोगों को वह बस कहीं नजर नहीं आ रही थी, जिसमें वे आए थे। उनमें से एक ने सुझाव दिया, अरे उसे फोन करो, जो हमें लाया था। एक ने फोन लगाकर बस के बारे में पूछा। उधर से पता नहीं क्या कहा गया कि फोन करने वाले के चेहरे का रंग बदल गया। उसने बस इतना ही पूछा, अब हम 200 किलोमीटर कैसे जाएंगे? उधर से शायद फोन काट दिया गया था। उसके साथियों ने उसे सवालिया नजरों से देखा। वह उनका आशय समझकर बोला, बस वाले का पूरा पैमेंट नहीं किया गया था, इसलिए वह बस लेकर वापस चला गया। यह सुनकर सब अवाक रहे गए। एक के मुंह से बेसाख्ता निकला, और हमारी दिहाड़ी कौन देगा? सबके चेहरों पर यही सवाल उभर आया था।

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