Saturday, January 10, 2009

गाजा पर इजराइल का बर्बर हमला शर्मनाक

सलीम अख्तर सिद्दीक़ी
एक बार फिर इजराइल गाजा में आतंकवाद के सफाए के नाम पर बेकसूर फलस्तीनियों का खून बहा रहा है। इजराइली हमलों में फलस्तीनी नागरिकों की मौतों में इजाफा होता जा रहा है। इजराइली हमलों को लेकर दुनिया की चुप्पी शर्मनाक है। हमले रोकने की अपीलों को इजराइल अनसुनी करके मनमानी कर रहा है। हद यह है कि हमास के कथित आतंकवादियों पर हमले की आड़ में स्कूलों और रिहायशी बस्तियों पर बम गिराये जा रहे हैं। अखबारों में हमलों से दहशतजदा तथा मारे गए मासूम बच्चों की छपी तस्वीरें इजराइली हैवानियत को दर्शाने के लिए काफी हैं। क्या दुनिया में इतनी ताकत नहीं बची है कि इजराइली बर्बरता को रोक सके ? उस सुरक्षा परिषद का क्या फायदा है, जो इजराइल पर अंकुश नहीं लगा सकता ? क्या संयुक्त राष्ट्र संघ की हैसियत अमेरिका की तान पर नाचने की ही रह गयी है ? इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस बार हमास की तरफ से शुरुआत हुई है। पिछले तीन साल से दोनों की बीच कोई युद्व नहीं हुआ था और जून 2008 से युद्व विराम लागू था, जिसे दिसम्बर 08 में हमास ने ही तोड़ा है। लेकिन यह भी समझना चाहिए कि हमास ने युद्व विराम क्यों तोड़ा ? दरअसल, हमास 2006 के चुनाव में मरहूम यासर अराफात की फतह पार्टी को हराकर सत्ता में आयी थी। फतह पार्टी के महमूद अब्बास पहले से ही राष्ट्रपति थे। हमास के चुनाव के जीतने के बाद स्थिति यह बनी कि राष्ट्रपति तो फतह पार्टी के महमूद अब्बास ही रहे प्रधानमंत्री हमास के इस्माइल हनिए हो गए। लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता में आयी हमास को अमेरिका और इजरायल ने कभी मान्यता नहीं दी। वे हमास को आतंकवादी संगठन बताते रहे। इसलिए अमेरिका और इजराइल फतह पार्टी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को ही अहमियत देते रहे। हमास को दोनों ही देशों ने कोई अहमयित नहीं दी। सत्ता में आने के बाद हमास ने इजराइल के प्रति जो रुख अपनाया, वह इजरायल को पसंद नहीं आया। हमास का कहना था कि वह जब तक इजराइल से बात नहीं करेगा, जब तक फलस्तीन को आजादी और संप्रभुता नहीं मिल जाती। हमास को इजराइल से यह भी शिकायत रही कि गाजा को खाली करने के बाद भी इजराइल गाजा में हस्तेक्षप करने से बाज नहीं आ रहा है। हमास की शिकायत गलत नहीं थी। इजराइल ने गाजा की रसद बंद करने से लेकर गाजा के हिस्से के टैक्स को खुद ही हड़प लिया। रसद बंद होने से फलस्तीनी भुखमरी के कगार पर आ गए। जब किसी ओर से बस नहीं चला तो राष्ट्रपति महमूद अब्बास के हाथों हमास की चुनी हुई सरकार को बर्खास्त करा दिया। यानि हमास और फतह पार्टी को आपस में लड़ा दिया। यहां ध्यान देने वाली बात है कि लोकतन्त्र का हिमायती होने का दम भरने वाले अमेरिका को हमास की चुनी हुई सरकार की बर्खास्तगी पर कोई ऐतराज नहीं हुआ। हमास ने जून 2007 में सरकार का तख्ता पलटकर सत्ता पर कब्जा कर लिया। अब इजराइल और ज्यादा आक्रामक हो गया। गाजा में उसका हस्तेक्षप अधिक को गया। गाजा में बढ़ते हस्तेक्षप के चलते हमास ने इजराइल पर वे राकेट दागने शुरु कर दिए, जो उसे ईरान से मिले थे। इजराइल ने हमास को कुचलने के नाम पर पन्द्रह लाख फलस्तीनियों को बम बरसाने शुरु कर दिए। अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडालीजा राइस और जल्दी ही अमेरिका के राष्ट्रपति की शपथ लेने वाले ओबामा बराक ने हमलों को जायज ठहराते हुऐ कहा कि हर किसी को आत्मरक्षा का अधिकार है। यहां सवाल यह उठता है कि हमलों में बेकसूर नागरिकों खासकर बच्चों के स्कूलों को निशाना बनाना किस आत्मरक्षा की श्रेणी में आता है ? यह याद रखा जाना चाहिए कि सभी पन्द्रह लाख फलस्तीनी हमास के समर्थक नहीं हैं। यह क्यों भूला जा रहा है कि गाजा में चल रही कार्यवार्इ्र से शांत होते जा रहे पशिम एशिया में फिर से आग लग सकती है। खबरें है कि ईरान से हजारों युवक आत्मघाती दस्तों के रुप में गाजा पहुंचने शुरु हो गए हैं। पता नहीं अमेरिका की यह कौनसी नीति है कि वह एक ओर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर दो मुल्कों को खत्म कर देता है तो दूसरी ओर भारत पर हुऐ हमलों पर भारत से संयम बरतने की सीख देता है। क्या यह माना जाए कि आतंकवाद से सुरक्षित रहने का अधिकार केवल अमेरिका और इजराइल हो ही है ? इजराइल का गाजा पर हमला बर्बर है। हमलों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ को सख्ती से पहल करनी चाहिए। यदि इजराइल यह सोच रहा है कि वह हमास को खत्म कर सकेगा तो वह गलत सोच रहा है। गाजा में इजरायली हमला आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला तथा पश्चिम एशिया को अस्थिर करने वाली हरकत है।

170, मलियाना, मेरठ
09837279840
saleem_iect@yahoo.co.in

4 comments:

  1. bahut sahi likha ha aap ne...badhai

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  2. bahut kara tawar hae...lakin sachi baat hae...aur yahi haqbaat hae.

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  3. आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!

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  4. इजरायली हमला आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला तथा पश्चिम एशिया को अस्थिर करने वाली हरकत है......sach kha aapne....!

    ye word verification hta len....

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