tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post8516874953802449760..comments2023-10-28T06:00:21.405-07:00Comments on हक बात: धार्मिक प्रवचन के बीच अधर्मसलीम अख्तर सिद्दीकीhttp://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-39041064006916440582013-04-11T05:50:37.378-07:002013-04-11T05:50:37.378-07:00सलीम सर ऊपर मौजूद ब्लोगर डोक्टर अनवर जमाल साहब हमा...सलीम सर ऊपर मौजूद ब्लोगर डोक्टर अनवर जमाल साहब हमारे सेकुलारिसम और मुस्लिम आताम्निरिक्षण की बातो से नाराज़ होकर बार बार हमें गेर मुस्लिम करार देते रहते हे अब तो नाराज़गी इस कदर बड गयी हे की हमें अपने ब्लॉग से गेट आउट ही होने को कह रहे हे अपने ब्लॉग पर इस्लाम और मुस्लिम विरोधी भद्दी टिप्पणियों को ये पब्लिश करते आये हे लेकिन हमारी शालीन भाषा में हमारे मुस्लिम आताम्निरिक्षण और उदारवाद के परचार से इन्हें सख्त चिढ हे ? आपके पास जब भी समय हो आप इनके नवभारत के ब्लॉग बुनियाद के लेख '' भारत महान क्यों हे '' पर हमारी बहस देख कर बताइए की क्या उनका ये रवैया सही हे ? में बता दू की ये तो चलो एक सेकुलर गेर मुस्लिम बहुल देश हे लेकिन पडोसी इस्लामिक पाकिस्तान में भी ऐसी बहुत बहस हो रही हे की जो उदारवादी मुस्लिम विद्वान आदि लोग हिन्दुओ और हिन्दुस्तान के साथ १०० %शांति और सहस्तितव और उन्हें बराबरी देने की बात करते हे तो कुछ लोग उन्हें गेर मुस्लिम हिन्दू बनिया और जाने क्या क्या कहते हे तब उदारवादी कहते हे की कोन केसा मुसलमान हे कितना पक्का मुसलमान हे या नहीं हे इसका हाल केवल अल्लाह जान सकता हे और जानता हे और कोई भी नहीं. सो किसी को किसी के मुस्लमान होने न होने का सेर्ठीफिकेट तमगा जारी करने का लेने देने का कोई हक ही नहीं हे आप बताइए आपने बुखारी साहब और तालिबान के खिलाफ लिखा हे तो अगर वो कल को आपको गेर मुस्लिम कहे तो क्या य सही होगा ?सिकंदर हयातnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-43237867151294570922013-03-12T02:11:32.764-07:002013-03-12T02:11:32.764-07:00शुक्रिया सलीम सर वेसे सर मेरे जो कमेंट डिलीट हुए उ...शुक्रिया सलीम सर वेसे सर मेरे जो कमेंट डिलीट हुए उसमे आपकी कोई आलोचना भी नहीं थी विस्फोट पर भी मेने कभी आपकी आलोचना नहीं की हां एक दो बार ये जरुर कहा की आप मुद्दो पर और ज्यादा से ज्यादा मुखर हो वो भी इसलिए की आप बाकि अधिकांश मुस्लिम लेखको से अधिक उदार और अनुभवी लगते हे जेसे सर पिछले साल पाकिस्तानी हिन्दू लडकियों आदि का मसला था मेने बार बार आपसे अपील की थी की हमें इसमें चुप नहीं रहना चाहिए खेर हो सकता हे की आप बिजी हो ज़ाहिर हे आप बाल बच्चो वाले लोग हे हो सकता हे की समय न मिला हो कोई बात नहीं .sikander hayatnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-48601007877123485792013-03-11T23:52:09.211-07:002013-03-11T23:52:09.211-07:00सिकंदर हयात साहब ऐसी कोई बात नहीं है कि मैं अपने ख...सिकंदर हयात साहब ऐसी कोई बात नहीं है कि मैं अपने खिलाफ आनी वाली टिप्पणियों को डिलीट कर देता हूं। कोई तकनीकी दिक्कत रही होगी। मैं लेडी आयरन सरीखा नहीं हूं, जो अंदर की अंदर घुट रहे हैं। आप विस्फोट आदि पर भी मेरे लिखे पर कमेंट करते रहे हैं आपकी हर आलोचना का इस्तकबाल है। <br />सलीम अख्तर सिद्दीकीhttps://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-90243554685163272762013-03-11T06:51:44.345-07:002013-03-11T06:51:44.345-07:00@@ सिकन्दर हयात के नाम से हमें धर्म सत्य के प्रचार...@@ सिकन्दर हयात के नाम से हमें धर्म सत्य के प्रचार से रूक जाने की सलाह देने वाले भाई ! यह सवाल तो आप अपने आप से पूछिए कि आप ग़ैर मुस्लिमों को इसलाम के बारे में क्यों समझाते रहते हैं ?<br />आप कहते हैं कि ग़ैर मुस्लिमों से इसलाम के पक्ष में बहस करने का सर्वाधिक रिकॉर्ड शायद आपके ही नाम हो !<br />क्यों बनाया आपने यह रिकॉर्ड ?<br />--------------<br />यह कहकर हमने आपको जवाब दे दिया था तो उस बात का फिर से यहाँ चर्चा क्यों ?<br /><br />आपको यहाँ हमारी कही बात पर आपत्ति होती तो हमारी आलोचना करना ठीक था.<br />See this link:<br /><a href="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/akroshit-mann/entry/%E0%A4%9C-%E0%A4%A8-%E0%A4%8F-%E0%A4%95-%E0%A4%AF-%E0%A4%B5-%E0%A4%A6-%E0%A4%95-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%AE-%E0%A4%A8%E0%A4%B9-%E0%A4%A5-%E0%A4%B8-%E0%A4%97-%E0%A4%A4" rel="nofollow"><b>क्या वैदिक काल में संगीत नहीं था?</b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-73214900499970755672013-03-11T06:46:49.524-07:002013-03-11T06:46:49.524-07:00कमाल हो गया सलीम सर इस दफे हमारा कमेंट पिछले 24 घा...कमाल हो गया सलीम सर इस दफे हमारा कमेंट पिछले 24 घाण्टे से आपके ब्लॉग पर जिन्दा हे नहीं तो पिछले दोनों कमेंट्स दिसम्बर और जनवरी के दोनों ही 1 घाण्टे के ही थे की शहीद हो गये में बड़ा हेरान था की सलीम सर जेसा लोकतान्त्रिक और उदारवादी लेखक भला ऐसा क्यों करेंगे ? हम तो यहाँ वहा आपका परचार भी करते हे फिर जब आपने पिछले दिनों आयरन लेडी का ----- लिखा तब मेरी फिर हिम्मत हुई डरते डरते फिर आये सर कही ऐसा तो नहीं हे की आपके ब्लॉग की '' चाबी '' किसी और के पास भी हो जिसने हमारे कमेंट की हत्या की हो ?सिकंदर हयातnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-46854655445602278532013-03-10T21:15:15.847-07:002013-03-10T21:15:15.847-07:00सलीम भाई, आपने वहीँ पर सवाल करके बेहतरीन काम किया ...सलीम भाई, आपने वहीँ पर सवाल करके बेहतरीन काम किया है। जिस तरह वोह लगे हुए अपनी समझ के हिसाब से दूसरों को समझाने में उसी तरह हमारा काम है हर गलत बात का विरोध करना। <br /><br />इस तरह 'हक बात' बताने से वोह माने ना माने, कम से कम इन गलत बातों से बचने की हमारी तो उम्मीद प्रबल हो जाएगी।<br />Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-4106948052934000492013-03-10T21:13:20.154-07:002013-03-10T21:13:20.154-07:00This comment has been removed by the author.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-52538638504905858812013-03-10T20:28:00.042-07:002013-03-10T20:28:00.042-07:00सलीम सर इन जमाल सर से मेरी कुछ बहस नवभारत ब्लॉग पर...सलीम सर इन जमाल सर से मेरी कुछ बहस नवभारत ब्लॉग पर हुई हे वाही मेने शायद आपके ब्लॉग और लेखो का भी हवाला दिया था सलीम सर हमारी मुसलमानों के लिए आताम्निरिक्षण और आताम्परिक्षण की बातो से नाराज़ होकर जमाल सर ने हमें गेर मुस्लिम भी कह डाला था खेर मेरा पॉइंट ये हे की हमारे यहाँ जमाल सर जेसे अनगिनत लोग हे जो हर एक एक समस्या को मज़हब से जोड़ते हे फिर हर एक मसले का हल आस्था और धर्म पुस्तको को बताते हे मेरा कहना ये हे ''Dr. Anwer Jamal को जवाब )- sikander hayat का कहना है:<br />February 12,2013 at 09:47 PM IST<br />आपकी सारी बाते बिल्कुल सही है जमाल सर लेकिन मे भी सिर्फ इतना कहता हू की हम भला क्यो खास गेर मुस्लिमो को इस्लाम समझाने की अपनाने की ज़िद पकड़े बेठे रहते है कुछ लोग इस ज़िद मे इतना आगे बढ जाते है की पाकिस्तान मे ज़बर्दस्ती शादिया और भारत मे लव ज़िहाद जेसे घटनाय तक कर जाते है जो की बहुत ही गलतबात है आपको इसका कड़ा विरोध करना ही होगा दूसरी बात की गेर मुस्लिमो से पहले तो खुद हमे ही इस्लामी आदर्शो और आदेशो पर चलना होगा बताइये इतनी बड़ी मुस्लिम दुनिया मे है कही आएसा आदर्श है कही 1 गाव भी आएसा ? भारत से य कह कर पाकिस्तान बनाया ग्या था की हम सूदखोर हिन्दुओ से अलग होंगे और एक महान इस्लामी देश बनायगा .क्या 1% भी कामयाबी दिखा सके इस काम मे कोई पाकिस्तान 1-1 इंच वेसा ही रहा और है जेसा भारत ? दुनिया को छोड़ दे तो आज भी भारत मे हज़ारो इलाके मुस्लिम बहुल है वहा बना पाये दिखा सके हम कोई इस्लामी आदर्श आपस मे कोई स्पेशल बर्दाश्त भई चारा उँच नीच से रहित समाज ? हम रात दिन हर बात को इस्लाम से जोड़ते है और हर दुनियादारी के मसले का हल आस्था और धर्मग्रन्थ को बताते रहते है लेकिन खुद हम कोई आपसी समस्या आस्था से हल नही करते है बल्कि गेर मुस्लिमो की तरह ही हम भी पुलिस थाने कोर्ट के चक्कर् काटते है क्या य सब कर कर के हम खुद ही अपनी आस्था का अपमान नही कर रहे होते है ? खुदा के वास्ते जमाल साहब इन सब बातो के बारे मे भी सोच लीजियेसिकंदर हयातnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-44948312719181074522013-03-10T09:22:46.037-07:002013-03-10T09:22:46.037-07:00सलीम सर हो या जमाल सर सभी से विनती हे की इस तरह के...सलीम सर हो या जमाल सर सभी से विनती हे की इस तरह के मसलो को बहुत ज्यादा उछाले यकीं मानिये आज हम मुस्लिमो को आताम्निरिक्षण और आताम्परिक्षण की बहुत ही सख्त जरुरत हे जिसे देखो वाही हमारे यहाँ लम्बी चोडी तकरीरे करता रहता हे लेकिन अमल अमाल का कोई पता नहीं हे जो बात सलीम सर बता रहे हे वेसे केस तो हमने बचपन से अब तक सेकड़ो क्या हजारो देख लिए होंगे हमारे अपने रिश्तेदारों ने हमारी 40- 50 लाख की प्रॉपर्टी दबा राखी हे उधर फोन करो तो रिंग टोन भी एक मज़हबी तराना ही हे जमातो में घूमते हे सब कुछ करते हे लेकिन हमारी संपत्ति छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं हे एक फूफा जी हे शुरू से ही पेन इस्लामिस्ट अफ्रीका के जंगल के मुस्लमान को भी अपना भाई बताते हे और उधर अपने सगे भाई से 30 साल से नाराज़ हे 15 सालो से शकल तक नहीं देखि दोनों भाइयो ने एकदूसरे की और दोनों दिल्ली में सिर्फ 12 किलोमीटर की दुरी पर रहते हे इनकी २ बच्चो की शादिय हुई दोनों समधियो से भी जानी दुश्मनी बोलचाल बंद - ससुराल से भी अब सम्पत्ति विवाद - एक परिचित भाभी जी हे गाड़ी बंगला न मिलने के कारन जिन्होंने अपने पति का जीवन नर्क बना रखा हे उधर महफ़िलो में और फेसबुक पर हमेशा दीन की बाते बताती सुनी जाती हे सिकंदर हयातnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-1253516449317087882013-03-10T03:25:40.344-07:002013-03-10T03:25:40.344-07:00डॉ. अनवर जमाल साहब जिन साहब की मैं बात कर रहा हूं,...डॉ. अनवर जमाल साहब जिन साहब की मैं बात कर रहा हूं, वे सब को हदीसें बताते घूमते हैं। उन्हें सब पता है, लेकिन अमल नहीं करना चाहते। ऐसे लोग चाहते हैं कि हदीसों पर दूसरे अमल करें, मैं वह करूं, जो मेरा मन कहे। आजकल यह खूब कहा जाने लगा है कि क्या करें जमाने के साथ चलना पड़ता है। यही लोग शादियों में फिजूलखर्ची करते हैं, लेकिन दूसरों को हजरत उमर फारुक की मिसाल देकर किफायतशारी बरतने की सलाह देते हैं। अफसोस यह है कि ऐसे लोगों की तादाद ही ज्यादा है।सलीम अख्तर सिद्दीकीhttps://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-55185452276211784452013-03-10T03:24:35.932-07:002013-03-10T03:24:35.932-07:00This comment has been removed by the author.सलीम अख्तर सिद्दीकीhttps://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-82485905064153148962013-03-10T01:42:18.060-08:002013-03-10T01:42:18.060-08:00saleem ji aapne jo kiya sahi kiya aur aap itna hi ...saleem ji aapne jo kiya sahi kiya aur aap itna hi kah sakte the shayad dr.sahab unhe apni tarah soch rahe hain jinhe kuchh sahi bataya jaye to samjh me jaldi aa jata hai .shayad ve nahi jante ki pani aise nahi bahana chahiye islke liye kisi hadees kee nahi matr insani jazbat kee zaroorat hai. आभार <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं . </a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-38352533811930792172013-03-10T00:59:27.749-08:002013-03-10T00:59:27.749-08:00आपको खुद पता नहीं था कि उन्हें कैसे समझाना चाहिए थ...आपको खुद पता नहीं था कि उन्हें कैसे समझाना चाहिए था।<br />आप उन्हें हदीस बता देते। जिसमें कहा गया है कि फ़ालतू पानी न बहाओ चाहे दरिया के किनारे ही क्यों न बैठे हो .<br />आपको पानी की बर्बादी रोकने वाली हदीस का हवाला देना चाहिए था और बताना चाहिए था कि यह इसलाम के खि़लाफ़ है। अल्लाह ने क़ुरआन में फ़िज़ूलख़र्ची करने वालों को शैतान का भाई बताया है। देखिए क़ुरआन 17, 27<br />"निश्चय ही फ़ु़ज़ूलख़र्ची करनेवाले शैतान के भाई है और शैतान अपने रब का बड़ा ही कृतघ्न है।"<br /><br />अल्लाह ने शैतान का ठिकाना जहन्नम बताया है।<br />हाजी जी को अपना ठिकाना जहन्नम में नज़र आता तो वह पानी बर्बाद न करते।<br />नेकी की बात को हिकमत यानि तत्वदर्शिता से समझाना ज़रूरी है।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.com