tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post8124679132769692794..comments2023-10-28T06:00:21.405-07:00Comments on हक बात: सत्ता में भागीदारी का कड़वा सचसलीम अख्तर सिद्दीकीhttp://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-26990559914791973082010-03-29T07:34:43.115-07:002010-03-29T07:34:43.115-07:00आप बेहतर लिख रहे/रहीं हैं .आपकी हर पोस्ट यह निशान...आप बेहतर लिख रहे/रहीं हैं .आपकी हर पोस्ट यह निशानदेही करती है कि आप एक जागरूक और प्रतिबद्ध रचनाकार हैं जिसे रोज़ रोज़ क्षरित होती इंसानियत उद्वेलित कर देती है.वरना ब्लॉग-जगत में आज हर कहीं फ़ासीवाद परवरिश पाता दिखाई देता है.<br />हम साथी दिनों से ऐसे अग्रीग्रटर की तलाश में थे.जहां सिर्फ हमख्याल और हमज़बाँ लोग शामिल हों.तो आज यह मंच बन गया.इसका पता है http://hamzabaan.feedcluster.com/شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-90840981587829447222010-03-21T08:30:22.648-07:002010-03-21T08:30:22.648-07:00मान लिया कि दलित, पिछड़ी और अल्पसंख्यक महिलाओं को आ...मान लिया कि दलित, पिछड़ी और अल्पसंख्यक महिलाओं को आरक्षण दे भी दिया गया तो इससे फायदा क्या होगा ? क्या इन तबकों से भी केवल वहीं महिलाएं ही जीत कर नहीं आएंगी, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनैतिक रही है ?<br />@ आपकी इस आशंका से १०० % सहमत |<br /><br />यहां के मेयर और सांसद रहे शाहिद अखलाक लगभग अनपढ़ हैं। मौजूदा शहर विधायक की हालत भी यही है। शायद इसीलिए मुस्लिम क्षेत्रों का विकास नहीं के बराबर हुआ है। शायद इसीलिए ये लोग लगभग पांच लाख की मुस्लिम आबादी में कोई इंटर या डिग्री कालेज तो दूर एक सरकारी स्कूल नहीं खुलवा पाएं हैं। किसी सरकारी या गैर सरकारी बैंक की शाखा नहीं खुली। कोई सरकारी अस्पताल नहीं खुला। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक मुहैया नहीं हो सकी हैं। सड़कों की हालत खराब है। सफाई नियमित रुप से नहीं होती है।<br /><br />@ जब तक जाति व धर्म के नाम पर वोट मिलते रहेंगे नेताओं को क्या जरुरत है विकास करवाने की | इसके लिए नेता नहीं हम वोट बेंक बने समुदाय खुद जिम्मेदार है |<br /><br />लेकिन उनकी नीयत भी सही नहीं है। वे यदि दलित, पिछड़ी और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं तो उन्हें सबसे पहले अपने अन्दर से परिवारवाद खत्म करना होगा। उन दलित, पिछ+ड़ी और अल्पसंख्यक महिलाओं को तैंतीस प्रतिशत टिकट देने की शुरुआत करें, जिनकी पृष्ठभूमि अराजनैतिक है।<br /><br />@ यदि नीयत ही सही होती तो ये महिला आरक्षण का विरोध ही नहीं करते | बेचारे अपने अस्तित्व के लिए विरोध कर रहे है इनको दलितों आदि किसी की कोई चिंता नहीं है |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-77333122174562601172010-03-21T03:47:00.043-07:002010-03-21T03:47:00.043-07:00नमस्कार सिद्दीकी साहब बहुत ही सही बात कही आप ने आव...नमस्कार सिद्दीकी साहब बहुत ही सही बात कही आप ने आवश्यकता है हमें जाग्रत होने की और इन लोगो के इन बह्काऊ बातो से दूर रहने की ,,, साथ ही मै ये भी कहना चाहूँगा की इन गंदे लोगो का राज नीति से तब तक खात्मा नहीं हो सकता जब .......तक हम अच्छे लोग राज नीति में नहीं आते और राज नीति को गंदो की की बौपौती मानना बंद नहीं कर देते<br />सादर<br />प्रवीण पथिक<br />9971969084प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी)https://www.blogger.com/profile/01003828983693551057noreply@blogger.com