tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post6142991713846786220..comments2023-10-28T06:00:21.405-07:00Comments on हक बात: एक लड़की की शादीसलीम अख्तर सिद्दीकीhttp://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-67016155662193201472012-11-16T01:34:12.465-08:002012-11-16T01:34:12.465-08:00नसीरुद्दीन साहब के ब्लॉग का पता भी दे देते तो और भ...नसीरुद्दीन साहब के ब्लॉग का पता भी दे देते तो और भी अच्छा रहता।<br />Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-37832581283744506892012-11-16T01:33:39.491-08:002012-11-16T01:33:39.491-08:00बिलकुल सौ फीसद सहमत हूँ नासिरूद्दीन साहब से, हमारा...बिलकुल सौ फीसद सहमत हूँ नासिरूद्दीन साहब से, हमारा समाज हमेशा से पुरुष प्रधान रहा है और इसी पुरुष प्रधान समाज ने धर्मों को अपने सहूलत के एतबार से इस्तेमाल किया, जहाँ दिल किया वहीँ कृतिम डर दिखा कर बदल नियमों को ऐसे तब्दील कर दिया कि पता भी नहीं चले कि असल क्या है और नक़ल क्या। यहाँ तक कि बड़े से बड़ा दीनदार (धार्मिक व्यक्ति) भी यह सब इसलिए सहता है कि यह सब नियम पुरुष प्रधान ठेकेदारों ने धर्म की आड़ लेकर बनाएं हैं। धर्म के नाम पर कट्टरता दिखाने वाले भी यह मानने को तैयार नहीं होते कि यह किसी धर्म का हिस्सा नहीं बल्कि पुरुष प्रधान सोच के ठेकेदारों की अपनी सोच की उपज है। <br /><br /><br /><br />और ऊपर से तुर्रा यह कि अगर कोई इनके खिलाफ आवाज़ उठाए तो सही राह पर होकर भी अधर्मी है।<br />Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-39521215142834900572012-11-16T01:30:50.606-08:002012-11-16T01:30:50.606-08:00This comment has been removed by the author.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.com