tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post2291469899955616887..comments2023-10-28T06:00:21.405-07:00Comments on हक बात: कौम के तथाकथित ठेकेदारसलीम अख्तर सिद्दीकीhttp://www.blogger.com/profile/16353232432428018949noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-48948046517328604342009-03-16T03:12:00.000-07:002009-03-16T03:12:00.000-07:00इसके लिए जिम्मेदार तो हम और आप हैं जो धर्म और जात...इसके लिए जिम्मेदार तो हम और आप हैं जो धर्म और जातियों के आईने में शक्लें देखकर मत का प्रयोग करते हैं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-26097149966510936572009-03-15T03:20:00.000-07:002009-03-15T03:20:00.000-07:00जीतने या चुनाव खत्म होने के बाद ये नेता फिर अपनी उ...जीतने या चुनाव खत्म होने के बाद ये नेता फिर अपनी उस आरामगाह में होते हैं, जहां तक पहुंचने की हिम्मत कौम नहीं कर सकती। हालत यह है कि ये नेता नमाज भी मस्जिद में पढ़ने के बजाय अपने घर में ही पढ़ना ठीक समझते हैं....ek gahri sacchai...!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-32032737693993770172009-03-14T04:08:00.000-07:002009-03-14T04:08:00.000-07:00आप मेरठ के एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं। लेकिन ये ...आप मेरठ के एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं। लेकिन ये सारी बातें इतनी प्रासंगिक हैं कि हर जगह के लिए फिट बैठती हैं। या यूं कहें कि एक उदाहरण से आपने पूरे देश की राजनीति की बात कह दी। आज राजनीति मंे आने वाले अधिकांश लोग ऐसे ही हैं जिनका वास्तव में समाज से कोई लेना देना नहीं रहता है। यूज एंड थ्रो की पाॅलिसी में विश्वास करने वाले इस तरह के लोग व्यक्ति, समाज, धर्म और ईश्वर को अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करते हैं। गलती इनकी नहीं है। समाज में व्याप्त अज्ञानता (हमारा आशय विवेक से है न कि डिग्रियों और किताबी ज्ञान से) से इनकेा बहुत ही फायदा मिल रहा है। जिस दिन पूरा समाज शिक्षित हो जाएगा, राजनीति स्वार्थ सिद्धि नहीं, समाजसेवा का जरिया बन जाएगा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3883942630420148325.post-77228080939269271752009-03-11T04:32:00.000-07:002009-03-11T04:32:00.000-07:00कुछ बातें मैं और बता देता हूं, इनके भाई-बन्धु, गुर...कुछ बातें मैं और बता देता हूं, इनके भाई-बन्धु, गुर्गे, रिश्तेदारों ने आफत मचा रखी हैं। ये जहालत के अलमबरदार कौम के हितेषी कैसे हो सकते है। गालीयां और बदतमीजी इनकी दिनचर्या का अंग है। और इनके लम्बे अपराधिक रेकार्ड पर तो कभी प्रशासन भी कुछ नही कहता। लेकिन अब वक्त आ गया है। जब इन जाहिलों को उनकी औकात पता चल जाएगी।इरशाद अलीhttps://www.blogger.com/profile/15303810725164499298noreply@blogger.com